Monday, 25 September 2017 08:23 PM
Nawaz Shearwani
गोरखपुर।
मजलिसों में जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला के साथ रविवार को मुहर्रम की तीसरी तारीख बीती। इस दौरान हक (अच्छाई) और बातिल (बुराई) की लड़ाई को याद किया गया।
मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि कर्बला की जंग अच्छाई और बुराई के लिए थी। यह हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और यजीदी फौज के बीच हुई। इस जंग में इमाम हुसैन अपने कुनबे के 72 लोगों के साथ चार हजार सिपाहियों के लश्कर के सामने डटे रहे। फौज ने उनका हौसला तोड़ने के लिए तीन दिन तक पानी बंद कर दिया। बिना खाए-पीए भी इमाम हुसैन और उनके साथी जुल्म-ओ-सितम को चुनौती देते रहे। इसके बाद जंग के दौरान यजीदी फौज ने बेदर्दी के साथ एक-एक लोगों को शहीद करना शुरू किया। मोहम्मद हुसैन को दस मुहर्रम को शहीद किया गया। इमाम हुसैन की कुर्बानी से मजहबे इस्लाम को रौशनी मिली। अच्छाई के लिए वह न सिर्फ खुद शहीद हुए बल्कि अपने परिवार को भी कुर्बान कर दिया। हमें सबक दिया कि सही बात पर अटल रहें। हक के लिए जान की बाजी भी लगानी पड़े तो लगा दें। जालिम और बातिल के सामने अपना सिर न झुकाएं। वह हजरत मुबारक खां शहीद दरगाह पर मजलिस में बोल रहे थे। दूसरी ओर शहर की अन्य मस्जिदों में मजलिसों का दौर जारी रहा। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफिज महमूद रजा ने मजलिस में इमाम हुसैन और हसन की शख्सियत बयां की तो वहीं जामा मस्जिद मुकीम शाह बुलाकीपुर, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, मस्जिद हसनैन घासीकटरा आदि में भी मजलिसें चलीं।
इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद
दारुल उलूम अहले सुन्नत मजहरुल उलूम घोषीपुरवा में मजलिस के दौरान कारी रईसुल कादरी व कारी तनवीर अहमद कादरी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी ने इस्लाम को जिंदा कर दिया। इसीलिए शायर कहते हैं इस्लाम जिंदा होता हैं हर कर्बला के बाद।
इल्म और फज्ल में था बड़ा मर्तबा
गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मजलिस के दौरान मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि हजरत सैयदना इमाम हुसैन इल्म व फज्ल में बड़ा मर्तबा रखते थे। उनके दौर के बड़े-बड़े आलिम उनसे फतवा दरियाफ्त करते थे। आज भी उनकी तकरीरें व खुत्बात तारीख के पन्नों की जीनत बने हुए हैं।
‘यादे हुसैन’ जलसा आज
गोरखपुर। जाफरा बाजार स्थित सब्जपोश मस्जिद के मैदान में सोमवार रात्रि 8:30 बजे मुहर्रम की चौथी तारीख को शोहदा-ए.कर्बला की याद में ‘यादे हुसैन’ जलसा होगा। यह जानकारी मस्जिद के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने दी।
जंगे कर्बला की याद में होगी फातिहा ख्वानी
गोरखपुर। दीवान बाजार स्थित मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया में दोपहर 12:30 बजे शोहदा-ए-कर्बला की कुर्बानियों की याद में फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी की जाएगी। यह जानकारी हाफिज महमूद रजा कादरी ने दी।