Friday, 19 October 2018 2:55
G.A Siddiqui
निज़ाम अंसारी
नवरात्र की धूम जिला मुख्यालय सहित गांवों तक पहुंच गई है। देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ दर्शन करने पहुंच रही है। जिले में कई ऐसे देवी मंदिर हैं, जिसके बारे में मान्यता है कि वहां दर्शन से मुराद पूरी होती हे।
चिल्हिया थानाक्षेत्र में पल्टा देवी का ऐतिहासिक मंदिर महाभारत कालीन है। कहा जाता है कि इस स्थान पर पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। इस मंदिर की स्थापना उन्होंने की। यहीं से पांडवोें का भाग्योदय शुरू हो गया। पांडवों के भाग्योदय के बाद से ही इस मंदिर का नाम पल्टा देवी पड़ गया और गांव का नाम पल्टा देवी हो गया । अधिष्ठात्री देवी के रूप में स्थापित हो गईं। वर्तमान में इस मंदिर को शक्ति पीठ का दर्जा मिला हुआ है। इस स्थान पर भगवान शिव तथा अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी हैं।
पल्टा देवी मंदिर लंबे समय से भक्तों की आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए नवरात्र में पड़ोसी जनपद बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, संतकबीरनगर और महराजगंज से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंदिर की पुरानी ईंटें और परिसर मे पुराने पाकड पीपल के पेड इसके प्राचीनता की गवाही देते हैं। जमुआर नदी के उत्तर में स्थित इस मंदिर के इर्द गिर्द पहले घना जंगल था। मंदिर के महंत बाबा के मुताबिक इस स्थान पर रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आ रहे हैं।
बताते चलें कि पल्टा देवी मंदिर कितना असर रखता है हिन्दू समाज के लोगों पर इससे सटे चौराहों की नालियां खुले में शौच शिवालयों पर गंदगी आम बात है
अब यहां आने वाले भक्तों पर इसका कितना असर होगा यह सर्वविदित है साफ सफाई न होने से दूर दराज के लोगों के साथ पल्टा देवी ग्राम के लोग भी दुखी हैं ऐसे में प्रसाशन के लोगों को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है जिससे महाभारत काल की इस मंदिर का महत्व बढ़ाया जा सके ।