Sunday, 27 September 2020 7:13
G.A Siddiqui
अरसद खान।
सिद्धार्थनगर। समय रहते विभाग ने यदि नही चेता तो दोआब क्षेत्र में तबाही मचेगी, और दर्जनों गाँव बुरी तरह प्रभावित होंगे। प्रकृति की मार से जहां किसानों की फसलें बर्बाद हुई, वही अब उनकी जान पर बन आई है। दोआबा क्षेत्र के ग्रामीण कूरा नदी की कटान से दहशत में आकर गांव से पलायन भी कर रहे हैं। वही विभागीय अधिकारी हैं कि कटान स्थल पर जाने तक की जहमत नही उठाना चाहते। ऐसे में दोआब क्षेत्र के दर्जनों गाँव के लोगों का ईश्वर ही सहारा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों हुई भारी बारिश से जहाँ किसानों की फसलें बर्बाद हुई, वही कूरा नदी में तेज पानी की रफ्तार से बाँध के कटान के खतरे से जान पर बन आई है। बता दें कि दोआबा क्षेत्र के कूरा नदी के केजी बाँध किलोमीटर 15.200 पर नदी की कटान काफी तेजी से होने के कारण तटबंध टूटने का खतरा बढ़ गया है। दोआबा क्षेत्र के कूरा नदी स्थित इमिलिहा गांव के पास हो रहे कटान से यदि तटबंध टूटा तो इमिलिहा सहित गोपियपुर, कठहा, रमपुरवा, मुडीला, शिवहरवा, महुआ माफी, महुआ, पढ़हरा खुर्द सहित दर्जनों गाँव बुरी तरह प्रभावित होंगे।
क्षेत्र के पूर्व प्रधान सगीर आलम कहते हैं कि कटान काफी तेजी से हो रही है, इसके लिए तत्कालिक तौर पर वैकल्पिक व्यवस्था कर कटान की रफ्तार रोकना लाजमी है, बाद में विभाग को इस पर पक्का निर्माण कराने की आवश्यकता है, अन्यथा पुनः नदी की कटान होने पर सब तबाह व बर्बाद हो जायेगा। वही कठहा के प्रधान महबूब आलम, पूर्व प्रधान प्रेमचंद, कलामुद्दीन, तबारक अली, शेषराम, सलामुद्दीन आदि ने बताया कि प्रकृति ने उन्हें कही का नही छोड़ा, फसल तो बर्बाद हो चुकी है, इधर कटान से सभी दहशत में हैं, पूरी मुस्तैदी से कटान रोकने का जतन कर रहे हैं, मग़र विभागीय मदद न मिलने से सफलता नही मिल पा रही है। ग्रामीण कहते हैं कि नदी की कटान तटबंध के नजदीक पहुंच चुकी है, मग़र विभाग के जिम्मेदार बेखबर हैं।