Sunday, 12 July 2020 5:32
G.A Siddiqui
बाढ़ से धान की रोपाई का तो पता तो नहीं चलेगा मगर
इस कोरोना महामारी में जीने खाने के भी लाले पड़ जाएंगे
शैलेन्द्र पंडित
सिद्धार्थनगर। बूढ़ी राप्ती नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी और ककरही बूढ़ी राप्ती नदी के पश्चिम नदी की धार से हो रही कटान से लगता है कहीं एक बार फिर दूसरी बूढ़ी राप्ती नदी का स्वरूप ना ले ले इसे लेकर ग्रामीण दहशत में हैं।
नौगढ़ तहसील का बूढ़ी राप्ती नदी का कटान में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। परिणाम स्वरूप बूढ़ी राप्ती लाल निशान से ऊपर बह रही है। जिसके कारण राप्ती और बूढ़ी राप्ती के बीच बसे सैकड़ों गांव के लोग दहशत में हैं। बाढ़ से धान की रोपाई का तो पता नहीं चलेगा और इस कोरोना महामारी में जीने खाने के भी लाले पड़ जाएंगे।दूसरी तरफ भक्ति के पूर्व से पश्चिम नदी में हो रही कटान से जहां तक बांध के तरफ बसे गांव के लोग दहशत में हैं ।वही विभाग की लापरवाही से ठोकर का इंतजाम ना होने से दशकों पूर्व बूढ़ी राप्ती के रास्ता बदल देने से बांसी-नौगढ़ मार्ग का ककरही के पास कुंड में तब्दील हो गया था।
जिसके कारण वर्षों आवागमन बाधित रहा बमुश्किल सड़क का निर्माण कर कुंड को भराव हो सका ।आज पुनः वही गलती विभाग की लापरवाही के कारण दिखाई पड़ने लगे हैं जिसके कारण चौराहे पर बसे कई ग्रामीणों ने बताया कि विभाग के अधिकारी तब तैयारी करते हैं जब नुकसान हो जाता है।
बूढ़ी राप्ती नदी के खतरे के निशान से ऊपर जाने से कछार क्षेत्र के फतेहपुर,हरनी,इटौवा,धुसवा,खजुडाड,अअमरिया, सकलदीप,ककरही, सहित सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी नदी और नहरों,नालों के माध्यम से पहुंच कर तांडव मचता है।तटबंधों का रख रखाव और गैपों को न समय से भरने से रैन कट से आस पास के लोग दहशत में हैं कि कहीं कोई तटबंध टूटा तो जीना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकी शासन-प्रशासन अपनी तैयारियों के लिए हमेशा विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर सचेत करता रहता है परंतु अधिकारी तब चाहते हैं जब कोई अप्रिय घटना घट जाती है और आम नागरिक उसके शिकार हो जाते हैं।
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक लालजी यादव संभावित बाढ़ के लिए जिला प्रशासन को तत्काल सभी रैनकट को भरने एवं तट बंधों की निगरानी की जरूरत बताते हुए कहा की बाढ़ से निपटने के लिए भाजपा की सरकार ने हवा हवाई व्यवस्था की ही बात करती है परंतु मौके पर देखा जाए तो विभागीय अधिकारी कान में तेल डालकर सो रहे हैं।
समाजसेवी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चंद चौधरी ने ककरही बूढ़ी राप्ती के इस समस्या को बताते हुए कहां की हर साल सूपा राजा, नगवा ककरही दोनों तरफ के बाढ़ से घिर जाता हैं लोगों का निकलना दुश्वार हो जाता है वहां के लोग तटबंध के ऊपर आकर पनियों को लगाकर गुजर बसर करते है। उन्होंने कहा कि कई बार वे खुद नाव लेकर गांव में जाकर सुई, दवाई, ग्लूकोज लोगों का इलाज कराकर उनके दुख दर्द में शामिल होने का काम किया है ।प्रशासन को चाहिए की तत्काल तैयारियों का जायजा लेकर आमजन के जानमाल के हिफाजत के लिऐ तैयारी पूरी कराये।